LODH KSHATRIYA

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Yoga Tips

   योग का महत्व 
      

योग  के  बारे  कुछ  बताने  से  पहले  आपको  ये  जानना  आवशक है  के  योग  को  सबसे पहले
 किसने  उजागर किया  और या  कहे तो  किसने किया , प्राचीन  ग्रंथो  में वर्णन  मिलता  है, 
के  योग  भगवन  भोलेनाथ  की देन  है , और  हमे  यह  हमारे ऋषि मुनिओ  गुरुओं  द्वारा  प्राप्त है,
                      
आपको  यह  भी पता होना चाइए के योग से क्या लाभ होता है, और  योग  क्यों  करना  चाइए ,
योग कर ने से कई प्रकार के रोगो को ठीक किया जा सकता है नित्य रूप से योग करने से स्वस्त रहे सकते है,  
 योग  को  अपनाकर  अपने  जीवन  को  सुखमय  किया  जा  सकता  है,  
योग  के  द्वारा  हमारी  कुण्डलिणी  चक्र  जाग्रत हो जाते है  जिस्से हमे रोगो सेलड़ने की शक्ति मिलती  है !!
    
 योग के प्रकार 
और 
योग  आसनो  के  नाम 

1.  
1.एकपादग्रीवासन, 2. अर्ध पादहस्तासन, 3.पादहस्तासन या उत्तानासन, 4.शीर्षासन, 5. मेरुदंडासन, 6.पाद अँगुष्ठासन, 7.विपरीतकर्णी सर्वांगासन, 8.सर्वांगासन, 9.सलंब सर्वांगासन, 10. जानुसिरासन, 11.सुप्त पादअँगुष्‍ठासन, 12. जानुहस्तासन, 13. द्विपाद विपरित दंडासन, 14. उत्थिष्ठ हस्तपादांगुष्ठासन, 15.कटिचक्रासन 16. परिवृत्त जानुसिरासन, 17.पार्श्वोत्तानासन, 18.कर्णपीड़ासन, 19. आनंद बालासन, 20.हस्तपादासन, 21. मलासन, 22.भुजपीड़ासन, 23.शवासन, 24.बालासन या गर्भासन, 25.प्राण मुक्तासन आदि


2.
1.सिंहासन, 2.काकआसन, 3. मयूरासन, 4. हंसासन, 5.भुजंगासन , 6. मत्स्यासन 7.उष्ट्रासन 8.कुक्कुटासन, 9.बकासन, 10.वृश्चिक आसन , 11.शलभासन 12. मकरासन 13.शशांकासन, 14. कगासन, 15.खग आसन  16. अधोमुख श्वानासन,17.कुर्मासन 18.एकपाद राजकपोतासन 19.गौमुखासन 20. गरुड़ासन 21.मार्जरासन,  22.चातक आसन, 23.उल्लुक आसन, 24.श्वानासन, 25.कपोत्तासन, 26.पार्श्व बकासन, 27.भद्रासन या गोरक्षासन, 28.व्याघ्रासन , 29. क्रोंचासन , 30. 
तितली आसन आदि।

 3. 
1.महावीरासन, 2.हनुमानासन, 3.वीरासन , 4. अंजनेयासन, 5.गोरखासन,  6.भैरवासन, 7.वशिष्ठासन , 8.अर्धमत्स्येंद्रासन, 8.भारद्वाजासन, 10. मत्स्येंद्रासन, 11.नटराजासन, 12.वीरभद्रासन, 13.अष्टवक्रासन,14.मारिचियासन {मारिचआसन}15.ध्रुवासन,16. ब्रह्ममुद्रा,17. सिद्धासन !

4.
1.योगमुद्रा , 2. पश्चिमोत्तनासन, 3.सुखासन, 4.पासासन, 5.वतायनासन, 6.वीरासन, 7.पवनमुक्तासन, 8.समकोणासन, 9.त्रिकोणासन, 10.बंधकोणासन, 11.कोणासन, 12.उत्थिष्ठ पार्श्व कोणासन, 13.उपविष्ठ कोणासन, 14.चमत्कारासन, 15.बंध कोणासन, 16.स्वस्तिकासन, 17.सेतुबंध आसन, 18.वक्रासन, 19.उत्थिष्ठ त्रिकोणासन,

5.
1.अधोमुख वृक्षासन, 2. अर्ध चंद्रासन, 3. ताड़ासन,4.चंद्रासन, 5.पद्म पर्वतासन, 6.मंडूकासन, 7.तालाबासन, 8.वृक्षासन,
 9. अनंतासन, 10.लतासन, 11. पद्मासन,13. पर्वतासन,

6.

1.दंडासन, 2.धनुरासन, 3.तोलासन, 4. आकर्ण धनुरासन, 5. चक्रासन या उर्ध्व धनुरासन, 6.वज्रासन, 7.सुप्त वज्रासन, 8.हलासन, 
9.आकर्ण अर्ध धनुरासन,10.शिलासन, 11. तोलंगासन, 12. नौकासन, 13.विपरित नौकासन,





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