LODH KSHATRIYA

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This is a Testing Annocement. I don't have Much to Say. This is a Place for a Short Product Annocement

Tuesday, 30 June 2015

स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद 


नमन करता हु मै अपनी पुणीय  भूमि भारत माँ को जो इसने  इतने महान महा पुरषो को  जन्म दिया,
जिन्होंने अपना सारा जीवन जान कल्याण धर्म की रक्षा एवं लोक कल्याण में लगा दिया,
धन्य हुआ मै जो भारत भूमि में मैंने जन्म लिए  ऐसी भूमि जो विश्व की सबसे प्राचीन और
विश्व गुरु कहलाती है  

आयुर्वेद

आयु + वेद =आयुर्वेद



आयुर्वेद के बारे में तो सभी जानते है,
पर आयुर्वेद की रचना कब और कैसे हुई ये शायद ही किसी को पता हो ,
लेकिन हम आपको यह जानकारी दे रहे है के आयुर्वेद की रचना कब और कैसे हुई,
आयु+वेद=आयुर्वेद, आयुर्वेद इन्ही दो शब्दों को जोड़कर बना है, यह दर्शन, विज्ञान,  और  कला, का मिश्रण है,
आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का ज्ञान और यही संक्षेप में कहे तो  आयुर्वेद का सार है,
प्राचीन भारत में आयुर्वेद को  चिकित्साशास्त्र कहते हैं,।माना जाता है  विद्वानों ने इसकी रचना काल ईसा के 3,000 से 50,000 वर्ष पूर्व की थी । आयुर्वेद शास्त्र के रचनाकार  आचार्य अश्विनीकुमार माने जाते है, इंद्र ने भी यह विद्या अश्विनी कुमारों से प्राप्त की थी । इंद्र ने धन्वंतरि को सिखाया। काशी के राजा  दिवोदास धन्वंतरि के अवतार कहे गए हैं। उनसे जाकर सुश्रुत ने आयुर्वेद पढ़ा। भारद्वाज और अत्रि   भी इस शास्त्र के रचनाकार माने जाते हैं।



1. सुखायु 
किसी प्रकार के शारीरिक या मानसिक विकास से रहित होते हुए, ज्ञान, विज्ञान, बल, संपति, यश, परिजन आदि चीजों से समृद्ध व्यक्ति को सुखायु कहते हैं।

2. दुखायु 
इसके विपरीत सभी सुविधाओं के होते हुए भी, शरीरिक या मानसिक रोग से पीडित या निरोग होते हुए भी साधनहीन या स्वास्थ्य और साधन दोनों से हीन व्यक्ति को दुखायु कहते हैं।
3. हितायु 
स्वास्थ्य और साधनों से संपन्न होते हुए या उनमें कुछ कमी होने पर भी जो व्यक्ति विवेक, सदाचार, सुशीलता, उदारता, सत्य, अहिंसा, शांति, परोपकार आदि गुणों से युक्त होते हैं और समाज व लोगों के कल्याण में लगे रहते हैं उन्हें हितायु कहते हैं।

4 अहितायु
इसके विपरीत जो व्यक्ति अविवेक, बुरा बर्ताव, क्रूरता, स्वार्थ, घमंड, अत्याचार आदि बुरी आदत रखने वाले समाज के लिए अभिशाप होते हैं, उन्हें अहितायु कहते हैं।

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Thursday, 25 June 2015

हिंदी अपनाओ  अपने देश का ग्रोव बड़ाओ !

लोध क्षत्रिय साइट में आपका स्वागत है


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जय माँ भारती 

Wednesday, 24 June 2015

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अखंड भारत 







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जय हिन्द जय माँ भारती 



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