सन्त कबीर के दोहे
कबीर दास जी के दोहो को आप जानते होंगे उन्होंने अपने दोहो के माध्यम से मनुष्य जीवन को
सरल शब्दों में दर्शाया है, इनके दोहो से हम प्रेरणा लेकर हमारा जीवन सरल बना सकते है,
और जीवन आने वाली प्रतिएक बाधा और समस्या का समाधान कर सकते है,
१
२
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
३
४
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय,
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
५
६
"पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई अक्षर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।"
ढाई अक्षर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।"
९
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
१०
११
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर,
ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर.
१२ ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर.
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