त्रिफला
एक आयुर्वेदिक और अमृतुलिया औषदी
त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना होता है,
(१). (आंवला (Emblica officinalis)),
(२). बिभीतक (बहेडा) (Terminalia bellirica) और
(३).हरितकी (हरड़ Terminalia chebula)
यह तीन आयुर्वेदिक फल है जो त्रिफला कहलाते है ,और इनके बीजो को निकाल कर समान मात्रा में मिलाया जाता है,। "तीन फलों का शाब्दिक अर्थ है "त्रिफला " । और इस तरह यह त्रिफला कहलाता है ,
त्रिफला के लाभ ;-
त्रिफला करीब 60 से भी ज़्यादा बीमारियो के लिए लाभ दायक है, और हमारे शरीर के ( वात, पित्त , और कफ ,) को संतुलित रखता है ,
जो हमे स्वस्त रहने में मदद करते है ,
त्रिफला का सेवन करने से शरीर की (1). चर्बी (fat ) वज़न कम होता है याने के( मोटापा दूर होता है ), (2). आँखों ठीक रखता है ,
(3). शरीर की दुर्बलता (weakness ) को दूर करता है, (4). पाचन शक्ति बढ़ता है,(5) इसके सेवन से बाल झड़ना बंद हो जाते है और सफ़ेद नहीं होते,
(6). त्रिफला के सेवन से ह्रदयरोग, (7). उच्च रक्तचाप, (8). मधुमेह, (9). नेत्ररोग, पेट के कई प्रकार के विकार दूर होते है,
यह करीब (20) प्रकार के विविध कुष्ठरोग, विषमज्वर, सूजन, और प्रमेह, को नष्ट करता है। दाँत,अस्थि, केश, व पाचन- संसथान को मज़बूत बनाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर रोगमुक्त एवं फुर्तीला बनाता है।
त्रिफला बुद्धि ,वीर्य ,और बल को भी बढ़ाता है, नियमित रूप से त्रिफला का
सेवन करने से लम्बे समय तक निरोग और स्वस्त रहे सकते है,
त्रिफला का सेवन आप रोज़ सुबह या शाम को सोते समय कर सकते है,
इसे एक गिलास गुनगुने पानी या फिर दूध के साथ 1 चम्मच ले सकते है ,
इसे गौ मुत्र और शहद के साथ भी लिया जाता है
या फिर किसी विशेस्यज्ञे के मार्गदर्शन से, त्रिफला अपनाय अपने जीवन को स्वस्त बनाय !!
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