LODH KSHATRIYA

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This is a Testing Annocement. I don't have Much to Say. This is a Place for a Short Product Annocement

Friday, 3 July 2015

Netaji Subash Chandra Bose

नेताजी सुबाष चन्द्र बोस 




स्वतंत्रता के प्रमुख सेनानी नेता जी सुभाषचन्द्र बोस भारतिय स्वतंत्रता संग्राम में एक बोहत महत्वपूर्ण व्यक्ति थे,सुभाषचन्द्र बोस भारतीय इतिहास के ऐसे युग पुरुष हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई को एक नया मोड़ दिया था. उनका एकमात्र उद्देशय अपने देश की स्वतंत्रता थी,उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे.
नेताजी को ब्रिटीश सरकार (British  Government ) द्वारा कई बार बंधी बनाया गया था,
वे भारतीय नेशनल कांग्रेस पार्टी के बोहत सक्रिय कार्य करता थे,  भारत की आज़ादी के लिए  उनेह 
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन चाहिए था, इसिलए उनोहने अलग अलग समय पर मुसोलिनी, और हिटलर से मुलाकात की,
विश्व युद्ध 2 . के समय में वह ब्रिटिश सेना के खिलाफ थे, जापान, इटली और जर्मनी के नेताओं से भी बैठक की,
उनोहने जापान के पास जाकर इंडियन नेशनल आर्मी का गठन किया, पर
यह अभियान विफल रहा, मगर उनकी आत्मा को तोड़ने के लिए ये पर्याप्त नहीं था , जो चलो दिल्ली को शुरू करदिया
और जैहिंद का नारा जो सुबाष चन्द्र बोस द्वारा दिया गया था, आज भी गूँज रहा है !
उन्होंने कहा था, “स्वतंत्रता संग्राम के मेरे साथियों! स्वतंत्रता बलिदान चाहती है. आप ने आजादी के लिए बहुत त्याग किए हैं, किंतु अपनी जान की आहुति अभी बाकी है. मैं आप सबसे एक चीज मांगता हूं और वह है खून. दुश्मन ने हमारा जो खून बहाया है, उसका बदला सिर्फ खून से ही चुकाया जा सकता है. इसलिए तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा. इस प्रतिज्ञा-पत्र पर साधारण स्याही से हस्ताक्षर नहीं करने हैं. वे आगे आएं जिनकी नसों में भारतीयता का सच्चा खून बहता हो. जिसे अपने प्राणों का मोह अपने देश की आजादी से ज्यादा न हो और जो आजादी के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए तैयार हो.
सुभाष चन्द्र ने सशस्त्र क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को ‘आजाद हिन्द सरकार’ की स्थापना की तथा ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया. इस संगठन के प्रतीक चिह्न एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था.

आजाद हिंद फौज या इंडियन नेशनल आर्मी की स्थापना वर्ष 1942 में हुई थी. कदम-कदम बढाए जा, खुशी के गीत गाए जा – इस संगठन का वह गीत था, जिसे गुनगुना कर संगठन के सेनानी जोश और उत्साह से भर उठते थे.

आजाद हिंद फौज के कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई. इस फौज में न केवल अलग-अलग सम्प्रदाय के सेनानी शामिल थे, बल्कि इसमें महिलाओं का रेजिमेंट भी था.

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